
जर्मनी की चेतावनी: 'डीप सीक' ऐप कथित रूप से संवेदनशील डेटा चीन को भेज रहा है
जर्मनी के संघीय सूचना सुरक्षा कार्यालय (BSI) ने आज एक अहम चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों और सरकारी संस्थानों को आगाह किया है कि लोकप्रिय मोबाइल एप्लिकेशन “डीप सीक” (Deep Seek) से राष्ट्रीय और व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता को खतरा है। दावा किया गया है कि यह ऐप संवेदनशील उपयोगकर्ता डेटा को चीन स्थित सर्वरों पर भेज रहा है, जिससे न केवल व्यक्तिगत गोपनीयता, बल्कि राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
28 जून, 2025 को जर्मनी यूरोप का पहला देश बन गया है जिसने आधिकारिक रूप से इस ऐप की डेटा सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाया है। यह कदम यूरोपीय संघ में और व्यापक स्तर पर डिजिटल सुरक्षा नियमों को प्रभावित कर सकता है।
डीप सीक क्या है?
डीप सीक ने 2024 के अंत में एक एआई-आधारित कंटेंट डिस्कवरी और स्मार्ट सर्च प्लेटफॉर्म के रूप में लोकप्रियता हासिल की। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को पर्सनलाइज़्ड न्यूज फीड, एआई-जनित सुझाव, और एक वर्चुअल असिस्टेंट जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। कम समय में ही यह ऐप जर्मनी, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया।
लेकिन जैसे-जैसे इसकी लोकप्रियता बढ़ी, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसके डेटा संग्रह के तरीकों को लेकर चिंता जताई।
जर्मन अधिकारियों की चेतावनी
BSI द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि डीप सीक ऐप उपयोगकर्ताओं से अत्यधिक मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करता है — जो इसके प्राइवेसी पॉलिसी में घोषित नहीं की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऐप निम्नलिखित जानकारी एकत्र करता है:
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रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, ऐप बंद होने के बावजूद
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बैकग्राउंड वॉयस रिकॉर्डिंग
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संपर्क सूची और मैसेजिंग मेटाडेटा
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माइक्रोफोन, कैमरा और इंटरनल स्टोरेज तक पहुंच
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अन्य ऐप्स के उपयोग के पैटर्न और ब्राउज़िंग हिस्ट्री
यह डेटा मुख्य रूप से चीन स्थित सर्वरों को भेजा जाता है, जिनमें से कई का संबंध चीन सरकार से होने की आशंका है।
जर्मनी की आंतरिक मंत्री लीसा ग्रुनवाल्ड ने कहा, “बिना स्पष्ट सहमति के इस प्रकार की जानकारी एकत्र करना और बाहर भेजना जीडीपीआर और हमारे डेटा सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
सबसे चिंता की बात यह है कि यह ऐप सरकारी स्मार्टफोन में भी इंस्टॉल पाया गया है, जिनका उपयोग सरकारी अधिकारी और रक्षा विभाग के कर्मचारी करते हैं। इससे यह आशंका है कि ऐप का इस्तेमाल जासूसी और संवेदनशील जानकारी लीक करने के लिए किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऐप एक बैकडोर निगरानी उपकरण के रूप में कार्य कर सकता है, जिससे विदेशी एजेंसियों को सरकारी गतिविधियों पर नजर रखने का मौका मिल सकता है।
डेवलपर्स का जवाब
डीप सीक की मूल कंपनी क्वांटम बाइट लिमिटेड (Quantum Byte Ltd.) ने इन आरोपों को “राजनीति से प्रेरित” बताया है और कहा है कि वे “सभी अंतरराष्ट्रीय डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं।”
हालांकि, CyberGuard International और DataFortify जैसी स्वतंत्र साइबर सुरक्षा कंपनियों ने भी BSI की रिपोर्ट की पुष्टि की है। इन कंपनियों ने चीन स्थित सर्वरों को एन्क्रिप्टेड डेटा भेजे जाने के सबूत पाए हैं।
चीनी तकनीक पर वैश्विक शक की बुनियाद
यह पहली बार नहीं है जब किसी चीनी ऐप को इस तरह के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई चीनी एप्लिकेशन जैसे TikTok, WeChat, और CapCut पर भी सुरक्षा संबंधी सवाल उठ चुके हैं।
भारत ने 2023 में 100 से अधिक चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया था, और अमेरिका ने 2024 में FARM Act के अंतर्गत कठोर जांच लागू की थी।
अब जर्मनी का यह कदम संकेत देता है कि डिजिटल संप्रभुता की रक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर कठोर नियम आ सकते हैं।
उपयोगकर्ताओं को क्या करना चाहिए?
यदि आपने भी अपने मोबाइल में डीप सीक ऐप इंस्टॉल कर रखा है, तो BSI द्वारा सुझाए गए उपाय इस प्रकार हैं:
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तुरंत डीप सीक को अनइंस्टॉल करें
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यदि ऐप को अधिक परमिशन दी गई थी, तो फोन को फैक्ट्री रिसेट करें
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अपने सभी पासवर्ड बदलें, विशेषकर बैंकिंग और ईमेल खातों के
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एक भरोसेमंद एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें
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बैंक स्टेटमेंट्स और सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखें
टेक कम्युनिटी की प्रतिक्रिया
क्लारा गुयेन, जो एक डिजिटल एथिक्स रिसर्चर हैं, ने इस कदम की सराहना की: “यह वह जिम्मेदारी है जिसकी हमें जरूरत है — जहां सरकारें नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करें।”
कुछ आलोचकों का मानना है कि यह रुख टेक-नेशनलिज्म को बढ़ावा देता है, लेकिन यह भी सच है कि यूज़र्स को जिन ऐप्स पर वे भरोसा करते हैं, उनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
आगे क्या होगा?
जर्मन सरकार क्वांटम बाइट लिमिटेड पर कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है और यूरोपीय डेटा संरक्षण बोर्ड से सहयोग की मांग कर रही है। यदि GDPR का उल्लंघन सिद्ध होता है तो:
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पूरे यूरोपीय संघ में ऐप पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है
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कंपनी पर बिलियन यूरो का जुर्माना लगाया जा सकता है
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यूरोपीय क्षेत्र में ऑपरेटिंग अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा चल सकता है
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ऐप को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध सूची में डाला जा सकता है
डिजिटल गोपनीयता की दिशा में चेतावनी
डीप सीक की यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है: तकनीकी नवाचार के साथ-साथ गोपनीयता की रक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। ऐप्स की सुविधाएं जितनी आकर्षक होती जा रही हैं, वे उतनी ही अधिक डेटा संग्रह की भूखी भी होती हैं।
इस घटना के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि वैश्विक स्तर पर ऐप्स के लिए नई पारदर्शिता नीतियाँ और सर्वर लोकेशन डिस्क्लोजर अनिवार्य हो सकते हैं।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे हम एआई, मशीन लर्निंग और स्मार्ट ऐप्स के युग में आगे बढ़ रहे हैं, उपयोगकर्ता और सरकार दोनों को एक संतुलन बनाना होगा — सुविधा और सुरक्षा के बीच। डीप सीक का मामला एक ऐसा चेतावनी संकेत है, जो दिखाता है कि डिजिटल दुनिया में आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।
अब समय आ गया है कि हम अपने डेटा पर नियंत्रण रखें, पारदर्शिता की मांग करें और तकनीकी कंपनियों को जवाबदेह बनाएं।
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