कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में दर्जनों छात्रों की गिरफ्तारी

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में दर्जनों छात्रों की गिरफ्तारी

परिचय

7 मई, 2025 को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक बार फिर फिलिस्तीन समर्थक गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण माहौल बन गया। बटलर लाइब्रेरी में दर्जनों छात्रों को विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। यह प्रदर्शन अमेरिका भर में बढ़ती छात्र सक्रियता का हिस्सा है, जो गाज़ा संघर्ष और वैश्विक राजनीतिक मुद्दों में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर गहरी चिंताओं को दर्शाता है।


विरोध प्रदर्शन की घटनाएं

यह प्रदर्शन कोलंबिया यूनिवर्सिटी अपार्थाइड डिवेस्ट (CUAD) द्वारा आयोजित किया गया था। यह संगठन उन कंपनियों में निवेश के खिलाफ आवाज उठा रहा है, जिन पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा से लाभ कमाने का आरोप है।
प्रदर्शनकारियों ने बटलर लाइब्रेरी के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया और "फ्री फिलिस्तीन" जैसे नारे लगाते हुए फिलिस्तीनी झंडे लहराए। उनका उद्देश्य विश्वविद्यालय की वित्तीय संबंधों और गाज़ा संघर्ष में इसकी कथित भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करना था ।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक गतिविधियों और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए न्यूयॉर्क पुलिस विभाग (NYPD) को कार्रवाई करने की अनुमति दी। इसके बाद 70 से अधिक प्रदर्शनकारियों को घुसपैठ और अव्यवस्था फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया ।
यह गिरफ्तारी कोलंबिया में वियतनाम युद्ध के समय के बाद छात्र सक्रियता पर सबसे बड़ा दमन है।


प्रशासनिक प्रतिक्रिया और संघीय प्रभाव

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की कार्यवाहक अध्यक्ष, क्लेयर शिपमैन ने इस विरोध प्रदर्शन की निंदा की और इसे विश्वविद्यालय की नीतियों का उल्लंघन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए सुरक्षित और समावेशी वातावरण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, पुलिस हस्तक्षेप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रशासनिक अनुशासन के बीच संतुलन पर बहस को जन्म दे दिया है।

संघीय सरकार ने भी इन प्रदर्शनों पर कड़ी नजर रखी है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ऐसे प्रदर्शन में भाग लेने वाले विदेशी छात्रों के वीजा की समीक्षा की जा सकती है। उन्होंने इन प्रदर्शनकारियों को "हमास समर्थक अराजकतावादी" बताया ।
यह कदम विरोध के अधिकारों पर दबाव डालने और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को राजनीतिक विचारधाराओं के आधार पर निशाना बनाने के आरोपों के तहत आलोचना का शिकार हो रहा है।


छात्र सक्रियता का व्यापक संदर्भ

कोलंबिया में हुई यह घटना गाज़ा संघर्ष के जवाब में अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में उभर रही छात्र सक्रियता का हिस्सा है।
अप्रैल 2024 में, कोलंबिया में "गाज़ा एकजुटता शिविर" लगाया गया था, जहां छात्रों ने उन कंपनियों से विश्वविद्यालय के निवेश हटाने की मांग की थी, जिनका संबंध इज़राइली सैन्य कार्रवाई से है।
हालांकि, प्रशासनिक हस्तक्षेप और छात्रों की गिरफ्तारी ने मानवाधिकार संगठनों का ध्यान आकर्षित किया है ।

इसी तरह, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शनकारियों ने कंपनियों जैसे बोइंग से निवेश हटाने के लिए इमारतों पर कब्जा कर लिया ।
ये घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि वैश्विक राजनीतिक मुद्दों के संदर्भ में छात्र सक्रियता अब एक नया मोड़ ले रही है।


कानूनी और मानवाधिकार चिंताएं

इन गिरफ्तारियों और कानूनी कार्रवाइयों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर मुद्दों को जन्म दिया है।
अधिकार कार्यकर्ता तर्क दे रहे हैं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का दमन पहले संशोधन अधिकारों का उल्लंघन है और यह अकादमिक स्वतंत्रता के लिए खतरनाक मिसाल पेश कर सकता है।
विशेष रूप से, अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाना चिंता का विषय बना हुआ है।
फिलिस्तीनी छात्र मोहसिन महदावी का मामला इसका एक उदाहरण है। उसे अपनी नागरिकता साक्षात्कार के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
एक संघीय न्यायाधीश ने इसे प्रतिशोधात्मक करार दिया और कहा कि यह नागरिक अधिकारों का हनन हो सकता है ।


समुदाय और शैक्षणिक प्रतिक्रिया

कोलंबिया विश्वविद्यालय के समुदाय में इस मुद्दे को लेकर मतभेद हैं।
कुछ संकाय सदस्यों ने छात्रों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध का अधिकार संरक्षित किया जाना चाहिए।
वहीं, कुछ अन्य लोगों ने विश्वविद्यालय के सुरक्षित और समावेशी वातावरण पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की।
इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान उठ रहे यहूदी-विरोधी भावना के आरोपों ने इस बहस को और अधिक जटिल बना दिया है।


निष्कर्ष

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों की गिरफ्तारी ने छात्र सक्रियता, प्रशासनिक नीतियों और संघीय हस्तक्षेप के बीच के जटिल संबंधों को उजागर किया है।
विश्वविद्यालयों के लिए यह चुनौती है कि वे एक ओर नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखें और दूसरी ओर परिसरों की सुरक्षा और अनुशासन को बनाए रखें।
कोलंबिया की यह घटना छात्र आवाज़ों की शक्ति और उनके अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता की याद दिलाती है।


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यह लेख कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुए फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन और छात्रों की गिरफ्तारी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
यह लेख छात्र सक्रियता, अकादमिक स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के मुद्दों को गहराई से कवर करता है।
हमारे लेखन में छात्रों के अधिकार, विरोध प्रदर्शन के कानूनी प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए संघीय नीति के संभावित प्रभावों पर भी प्रकाश डाला गया है।
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